भगवान झूलेलाल जी के पूज्य चालीहा साहिब - 1




भगवान झूलेलाल जी के नाहीरी माह का पूज्य चालीहा साहिब रखने के नित नेम


भगवान झूलेलाल जी का नाहीरी माह के पूज्य चालीहा साहिब 28 नवंबर 2019 शक्रवार से शुरू होंगे,इसके नित नेम 27 नवंबर की मध्य रात्रि 12 बजे गुरुवार से प्रारंभ होंगे।पूर्व में नाहीरी माह के पूज्य चालीहा साहिब (उपवास) केवल ठकुर परिवार ही रखा करते थे।


इन पूज्य चालीहा साहिब के प्रति साईं जी से सेवको ने यह उपवास रखने की आज्ञा मांगी।तब से भगवान झूलेलाल जी के प्रति अपने सेवको की बढ़ती आस्था एवं विश्वास को देखते हुए साईं जी ने यह उपवास सेवको को रखने के लिये कहाँ।


पक्का पूज्य चालीहा साहिब रखने के नित नेम


जिसके नियम रात्रि 12 बजे से अगले दिन शाम को सूर्यास्त के समय करीब 6 बजे तक निर्जल (बिना जल और अन्न ग्रहण कीये) रहना है।शाम को अख्खा,आरती और पल्लव पहनकर एक समय का साधारण भोजन ग्रहण करना है।


सवा पहर के नित नेम


कई सेवक उपवास नही रख पाते थे तो साईं जी उन्हें सवा पहर के उपवास के बारे में बताया कि आप रात्रि में 12 बजे से अगले दिन दोपहर के 12 बजे तक निर्जल होकर भी इस उपवास को रख सकते है।अख्खा,आरती एवं पल्लव पहनकर दिन में एक बार फ्रूट और एक बार भोजन ग्रहण कर सकते है।


समय की व्यस्तता और भगवान झूलेलाल जी के प्रति बढ़ती आस्था को देखते हुए कई सेवक उपवास नही रख पाते थे तो साई जी ने एक नियम यह भी बताया कि इन चालीस दिनों तक नित नेम से झूलेलाल मंदिर जाकर अख्खा,आरती एवम पल्लव पहनने से  आपकी पूज्य चालीहा साहिब की  मनोकामना पूर्ण होती है।


ठकुर साईं मनीष लाल साहिब

भगवान झूलेलाल जी के पूज्य चालीहा साहिब नाहीरी माह के प्रथम दिन की श्री झूलेलाल (वरुण देव) मंदिर,भरूच गुजरत में अख्खा साहिब,आरती एवं पल्लव पहनते हुए सेवक प्रेमी।इसी तरह आप भी रोजाना (चालीस दिन तक) झूलेलाल मंदिर या घर पर भी सेवा कर सकते है।


भगवान झूलेलाल जी के पूज्य चालीहा साहिब नाहिरि माह के 28 नवम्बर 2019 गुरुवार से प्रारंभ होंगे।आप सभी भगवान झूलेलाल जी के प्रति सच्ची आस्था रख यह उपवास करे,आपकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होगी।उपवास सरल और स्वैच्छिक रखे।भगवान झूलेलाल जी की नित- नेम अख्खा,आरती एवं पल्लव पहनकर,अपने दिन की शुरुआत करे।आपके सभी दिन शुभ हो हमारी यही प्रार्थना।


नोट--28 नवम्बर 2019 गुरुवार से रोजाना सिंधी समाज का ग्रंथ (भगवान झूलेलाल अमरकथा एवं पूज्य चालीहा साहिब की पौड़ी) पोस्ट की जाएगी जिसे आप अधिक से अधिक शेयर करे।


जय झूलेलाल


साईं मनीषलाल साहिब


जय झूलेलाल(वरुणदेव) मंदिर भरुच(गुजरात)






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