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संसार के सात सुख
1️⃣ _*पहला सुख निरोगी काया*_
(शरीर का स्वस्थ रहना
पहला सुख माना गया है,
क्योंकि यदि स्वास्थ्य अच्छा
नहीं है तो बाकी कुछ भी
अच्छा नहीं लगता)
🧘🏼♂️🧘🏻♀️
2️⃣ _*दूजा सुख घर में हो माया*_
(धन का होना नंबर दो का
सुख है। लोग इसे पहला
सुख मान कर इसके पीछे
अपनी जान लगा देते हैं)
💰
3️⃣ _*तीजा सुख सुलक्षणा नारी*_
(यदि किसी की पत्नी अच्छे
चाल-चलन वाली न हो तो
जीवन नरक बन जाता है)
👰🏻
4️⃣ _*चौथा सुख सुत आज्ञाकारी*_
(पुत्र पिता की आत्मा
कहलाता है। यदि वह
आज्ञा नहीं मानता है तो
पिता को इससे बढ़ कर
दु:ख क्या हो सकता है?)
🙎🏻♂️
5️⃣ _*पांचवा सुख हो स्वदेश वासा*_
(जीवन-यापन करने के
लिए अपना देश, अपनी
जन्मभूमि और अपने
स्वजनों को छोड़ कर
अन्य कहीं न जाना पड़े)
👩👩👦👦
6️⃣ _*छठवां सुख हो राज में पासा*_
(सरकारी दफ्तरों में पहुंच-
पैरवी होना बहुत जरूरी
है, अन्यथा कई प्रकार के
काम अटक जाते हैं)
🕵🏻♂️
7️⃣ _*सातवां सुख संतोषी जीवन*_
(प्रारब्ध के अनुसार जो
परिवार मिला है और
मेहनत करने के बाद जो
भोग-समग्री मिली है,
उसमें संतोष करना ही
सातवां सुख कहलाता है)
प्रारब्ध पहले रचा पीछे
रचा शरीर। तुलसी चिन्ता
क्यों करे भजले
श्री रघुवीर।।
☺️
_*ऐसा है तो धन्य है जीवन*_
🌹🌻🌷🌻🌹
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