"इस कदर वाकिफ है, मेरी कलम तेरे ज़ज्बातों से,
अगर मैं इश्क़ लिखना चाहूं तो भी इंकलाब लिखा जाता है।"
*हिंदुस्तान के अमर क्रांतिकारी
शहीद- ए-आज़म भगत सिंह
को उनकी जन्म जयंती पर शत्-शत् नमन।।🙏🏻*
"इस कदर वाकिफ है, मेरी कलम तेरे ज़ज्बातों से,
अगर मैं इश्क़ लिखना चाहूं तो भी इंकलाब लिखा जाता है।"
*हिंदुस्तान के अमर क्रांतिकारी
शहीद- ए-आज़म भगत सिंह
को उनकी जन्म जयंती पर शत्-शत् नमन।।🙏🏻*
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